हर मन का एक सपना होता है कि एक महल हो सपनों का जब मन उस सपने का निर्माण करता है तो उस में आधुनिकता का पुट आ ही जाता है। इन दिनों लोगों को उनके सपनों का घर डिजाइन करने के लिए पेशेवर मदद मिल जाती है। इसी आधुनिकता को दर्शाने के लिये रीता मोदी जोशी और उनके सहयोगी वास्तुकारों व्दारा निर्मित घर से परिचय कराते हैं।घर की दीवारों पर हल्के रंगों का प्रयोग किया गया है एवं लकड़ी का प्रयोग करके दीवारों और छतों को नया रूप प्रदान किया गया है । आधुनिकता और सादगी इस घर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं।
जहाँ हम अपनी सारी चिंताओं का निवारण प्राप्त कर लेते हैं। दीवार पर भगवा रंग की अधिकता है।दीवार मन्दिर के ऊपर रोशनी की भी व्यवस्था है।पर सूर्य चित्र अंकित है व दूसरी ओर चित्रकारी की गयी है।लकड़ी का मन्दिर रखा गया है।उसके ऊपर गुम्बद रखा गया है। उसके नीचे खुला स्थान है जिसमें भगवान की तस्वीरें एवं पूजा करने का स्थान है।नीचे पूजा सामग्री रखने के लिये दराजे बनाई गई है।जिससे पूजा सामग्री यथा स्थान प्राप्त हो सके।
चलिये आपको स्वागत कक्ष में बैठाते हैं। जरा आप पूरे कक्ष मे दृष्टिपात करें, आप देखेंगे पूरी बड़ी खिड़कियों से पीले रंग के पर्दों से झाँकती सूरज की किरणें पूरे कक्ष पीत वर्णा बना दिया है।कक्ष के पीले प्रकाश से सम्पूर्ण वस्तुए पीले वर्ण की दृष्टिगत हो रही हैं। दीवार की दोनो खिड़कियों के मध्य में वातानुकूलित यंत्र है व दूसरी दीवार पर छोटी खिड़की एवं प्रवेश व्दार है,उस पर भी एक से छपाई के पर्दे लटकाये गये हैं। खिड़की केू ठीक ऊपर दो लैम्प शेड एक ही कमरे स्टैन्ड में दीवार पर सुशोभित हो रहे हैं। बैठने की व्यवस्था में सोफा और बैंच के बीच में काँच की चौकोर पर पर्दों की प्रतिछाया दिखाई दे रही है, सामने की दीवार पर दिखावटी सामान हेतु काँच की अलमारी के साथ एक तरफ दीवार पर बनी मेज पर कुछ दिखावटी सामान रखा है। मेज के नीचे बनी दराजे मेज और कक्ष की शोभा बढा रहे हैं।मेज के ऊपर दीवार पर लगे शीशे पर पर्दे अक्स पड़ रहा है।
यह है भोजन कक्ष,इसके सामने की दीवार पर खुली बड़ी खिड़की है।दीवार के दोनों ओर काँच की अलमारी है,जिसमें काँच के बर्तन रखे गये हैं।उसके ऊपर छोटे छोटे खिलौने रखे गय हैं।छ:कुर्सी वाली भोजन की मेज है,दाँयी दीवार पर वॉश-बेसन के ऊपर काँच लगा है।बाँयी ओर की दीवार पर चौड़ाई में अधिक एवं लम्बाई में कम काँच लगा है जिस पर्दे का अक्स पड़ रहा है।उसी के ऊपर लैम्प लगे हैं ।कक्ष की दीवारों पर पीला रंग किया गया है।
यह है शयन कक्ष, इसकी एक तरफ की दीवार पर दो खिड़कियाँ समान रूप से बनी हैं।उनके बीच में लगे चित्र के ऊपर प्रकाश व्यवस्था अति उत्तम है।कक्ष की दाँयी तरफ वाताननुकूलित यन्त्र है,तथा उसके नीचे एवं शय्या के ठीक ऊपर पति पत्नि की तस्वीर है।इस दीवार के सामने दूरदर्शन यन्त्र का क्षेत्र है।शय्या के ठीक ऊपर लोहे के चौकोर जाल से पंखा लटका हुआ है।
चलिये चलते हैं भूखंड से प्रथम तल की ओर परन्तु कैसे ? सीढ़ियों से।सीढ़ियों को दखे, संगमरमर की बनी हैं,साथ में लकडी की रेलिंग बनी हुई हैं,खुली बड़ी खिड़की है,जिससे हवा और प्रकाश आसानी से आ सकता है।सीढ़ी पर सामने की दीवार लगा चित्र सीढ़ी की सुन्दरता को बढा रहा है। चित्र के ऊपर सुन्दर आकृति का लैम्प लगा है। आशा करते है कि आप इन डिजाइन द्वारा प्रेरित थे। इस गाइड बुक से आपको सबसे अच्छा प्रवेश द्वार को चुनने में मदद मिलेगी: एक तेजस्वी प्रवेश द्वार के लिए 6 विचार