वास्तु शास्त्र एक प्राचीन और पारंपरिक हिंदू प्रणाली या वास्तुकला का विज्ञान
है जो घर के अंतरिक्ष व्यवस्था में गृहस्वामी द्वारा सद्भाव और सकारात्मक प्रभाव को बनाये रखने में सहायता देता है । पश्चिम संसृति में इसे फेंग शुई का नाम दिया गया है और इसकी तकनीकें एक निश्चित स्थान की वस्तुओं में शांति, सकारात्मक कंपन और संतुलन प्रदान करती हैं।
घर में शान्ति, आत्मीयता, वैभव, सुख और प्रेम बनाये रखने के लिए वास्तु शास्त्र द्वारा प्रदान किए गए औजारों का उपयोग वास्तव में संभव है। इसमें डिज़ाइन, लेआउट, माप और जमीन तैयार करने हेतु पारंपरिक विधियों का वर्णन है । इस लेख में आपके घर के लिए वासतु शास्त्रे की सिध्धांतो को घर में लागु करने के ९ आसान तरीको का वर्णन किया गया है ।
जब हम वास्तु शास्त्र को घर के विभिन्न हिस्सों पर लागू करते हैं, तो यहाँ के हर मुख्य वास्तु और क्रिया के लिए उचित स्थान निर्धारित किया जाता है. घर को पुनर्निर्मित करने के बजाय, बनाते वक़्त ही रसोई, शयन कक्ष. स्नान घर, पूजा घर आदि को वास्तु विज्ञानं मुताबिक स्थापित कर लें तो आपका घर व्यवस्थित, स्वच्छ और निर्दोष दिखाई देगा।
वास्तु शास्त्र में यह माना जाता है कि घर के रिक्त और बेतरतीब से सजाये हुए स्थानों का मन पर कुप्रभाव जो वहां के रहने वाले लोगो के मनोदशा और भावनात्मक स्थिति का संतुलित बिगाड़ सकता है। यदि घर में सद्भाव और शान्ति बनाये रखने के लिए ज़रूरी है की घर के प्रत्येक कमरे में केवल आवश्यक वस्तुओं का उपयोग हो और हल्के रंग और नरम प्रकाश का सही संतुलन बना रहे।
बाथरूम आमतौर पर घर को सजाने के लिए सबसे कठिन जगहों में से एक है, लेकिन वास्तु शास्त्र से यह कार्य में सरलता आती है । इस प्रवृत्ति के आधार पर सजे इस सुरुचिपूर्ण बाथरूम में हल्के रंग के पृष्ठभूमि, नरम प्रकाश व्यवस्था, पर्याप्त दर्पण और हरियाली बिखेरता पेड़ का गमला, इस स्थान को विशाल और शांतिपूर्ण महसूस करवाते हैं।
वास्तु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हमारे पर्यावरण के संगठन से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और विचार को आकर्षित करने पर केंद्रित है। इसलिए यदि आप अपने घर में समृद्धि, प्रेम और खुशी लाने चाहते हैं तो इन निम्न में इन पद्धतियों को नियमित आदतों बना सकते हैं ।:
- सभी कमरों में बड़े पत्ते वाले हरे पौधे गमलो में रख कर सजाये।
- लिविंग रूम और मास्टर बेडरूम में, विभिन्न आकारों के गहरी लाल मोमबत्तियों का उपयोग करें।
- पर्याप्त खिड़कियां लगाने पर विचार करें जो प्राकृतिक प्रकाश और हवा को घर के हर हिस्से में पंहुचा सके।
संगठित कमरे का महत्त्व वास्तु में हमेशा स्वच्छ और संगठित स्थानों के महत्व का उल्लेख किया है। इस मोहक शयन कक्ष में सरल डिजाइनों और नरम रंगों के दर्शन का पालन करते हुए सजाया गया है जहाँ मन और शरीर को शांति हासिल हो सके।
वास्तु प्रत्येक तत्व का सम्मान करना सिखाता है इसके सिद्धांतों का पालन करके आप घर की हर जगह और हर वस्तु को पवित्र बना सकते है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आपके घर के हर वस्तु और हर कोने में देखभाल और ध्यान दें, जो इसके योग्य है।
सकारात्मक लहरों का प्रवाह ये सभी युक्तियां बेकार हो सकती हैं यदि आप वास्तु शास्त्र के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत का आवाहन करना भूल जाये । अपने घर को सुखद, प्रेरक और खुशहाल करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है की अच्छी शुद्ध तरंगे से हर पल सकारात्मक लहरों का प्रवाह बना रहे, जिसे आने आने मेहमानों तक भी पहुंचा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अन्तर्गत घर में पौधों, फूलों और प्रकृति को शामिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास बगीचे बनाने के लिए उपलब्ध स्थान है, तो उसे सजाना आवश्यक है और यदि उपयुक्त स्थान नहीं है, तो आप छोटे पौधे, ऊर्ध्वाधर उद्यान या फूलदान से अपने घर में प्रकृति के रंगों को शामिल करने के लिए प्रयत्न कर सकते हैं।
घर के अंदर उगने वाले पौधों की उपयुक्त और उन्हें अपने घर की सजावट में शामिल करने के तरीको के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए हम आपको इनडोर पौधों को पढ़ने के लिए आमंत्रित करते हैं!
आजकल वास्तु के प्रतीकों को सजाने का एक चलन बन गया है और इन्हें इस्तेमाल करने वाले इन प्रतीकों का महत्व और वास्तविक उपयोग जाने बिना इनको घर में लगाते हैं जिससे घर में क्लेश भी हो सकता है । इसलिए ज़रूरी है की जिन वास्तु के वस्तुओं का आप अपने घर में उपयोग करते हैं उनका पूरी सजावट में महत्वपूर्ण योगदान हो और वे आपको शांति और सौहार्द भी दें ।